सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करें लड़कियां; हाईकोर्ट की नसीहत, इस मामले पर चल रही थी सुनवाई, और क्या-क्या कहा? जानिए
Calcutta High Court Girls Control Sex Desire Boys Adviced
Girls Control Sex Desire: लड़कियों को सेक्स की इच्छा पर कंट्रोल रखना चाहिए। वह अपने शरीर की गरिमा को हर हाल में बनाकर रखें। कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़कियों को यह नसीहत दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने लड़कों को भी यह सीख दी है कि वह लड़कियों की गरिमा और उनके शरीर की पवित्रता का सम्मान करें। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट में एक नाबालिग लड़की के साथ एक लड़के द्वारा सेक्स किए जाने का मामला सामने आया था। जिसमें लड़की के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात कही गई थी। हाईकोर्ट ने जब इस मामले में सुनवाई की तो पाया कि लड़की ने अपनी मनमर्जी से लड़के के साथ सेक्स किया। इसके बाद मामले में फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने उक्त टिप्पणी की और आरोपी लड़के को बरी कर दिया।
दोनों के बीच था प्यार, बाद में की शादी
बताया जाता है कि, यह पूरा मामला पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले का है। यहां 18 साल से कम उम्र की एक नाबालिग लड़की और एक लड़के में प्यार का किस्सा चल रहा था। इस बीच दोनों ने कई बार सेक्स संबंध बनाए। नाबालिग लड़की इसके लिए राजी रही। बाद में दोनों ने लव मैरिज भी कर ली। लेकिन भारत में किसी लड़की द्वारा उसके साथ सेक्स करने की सहमति देने की उम्र 18 साल से ऊपर रखी गई है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की सेक्स के लिए दी गई सहमति वैध नहीं मानी जाती है। इस दौरान सहमति से किया गया सेक्स भी बलात्कार यानि यौन उत्पीड़न माना जाता है। जहां इस मामले में भी यही हुआ। इन दोनों का मामला भी पुलिस तक पहुंच गया और इसके बाद पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर लिया। वहीं जब पुलिस ने आरोपी लड़के को साउथ 24 परगना जिले की एक सत्र अदालत में पेश किया तो अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ सेक्स करने वाले लड़के को दोषी पाया और उसे रेप की धाराओं में सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। इसके बाद लड़के की तरफ से कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। जिसके बाद इस मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुना और आरोपी लड़के को बरी करने में देरी नहीं लगाई।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने लड़कियों और लड़को दोनों को दी नसीहत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने लड़के को बरी तो कर दिया लेकिन इस बीच सभी नाबालिग लड़कियों और लड़को को नसीहत भी दे डाली। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़े रुख में कहा कि, युवा लड़कियों को सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करना चाहिए। युवा अवस्था की ओर बढ़ती उम्र के साथ लड़कियों को यह सोचना जरूरी है कि किसी भी तरह से उनके शरीर की अखंडता और पवित्रता भंग न होने पाये। युवा लड़कियों को अपने शरीर के आत्म-सम्मान के अधिकार की रक्षा करनी है। 2 मिनट के आनंद की बजाय हर हाल में अपनी सेक्स इच्छा को कंट्रोल में किया जाना चाहिए। इसके अलावा जो लड़के हैं वह यह जरूर सोचने का प्रयास करें कि किसी भी लड़की या महिला के शरीर का वह सम्मान करें। वह उसकी गरिमा को बनाए रखें। लड़कों को फायदा न उठाते हुए लड़कियों की गरिमा, गोपनीयता और उसके शरीर के स्वायतता का सम्मान करना चाहिए।
सेक्स को लेकर मां-बाप सीख दें
कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि, सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करने और इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। युवा लड़कियों और लड़कों को अगर सही तरह से समझाया जाएगा तो वह इस ओर कदम रखने से बचेंगे। क्योंकि युवा लड़कियों और लड़कों में कामुकता और सेक्स की इच्छा का जाग्रत होना नेचुरल है। इसलिए इन्हें समझाने के लिए शुरुआत घर से होनी चाहिए। मां-पिता इस मामले में पहले शिक्षक हो सकते हैं। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि सेक्स की इच्छा, लिखने, कामुक सामग्री पढ़ने या देखने-सुनने से पैदा होती है। अगर हम इन चीजों पर रोक लगाएं तो उत्तेजना पर काबू पाया जा सकता है।